दूरदर्शन से लाभ और हानि हिंदी निबंध Television Boon or Bane Essay in Hindi

दूरदर्शन से लाभ और हानि हिंदी निबंध Television Boon or Bane Essay in Hindi: दूरदर्शन या टेलीविजन विज्ञानरूपी देवता का एक अद्भुत आविष्कार है। स्कॉटलैंड के वैज्ञानिक जे. एल. बेयर्ड का यह अद्भुत आविष्कार आज सारी दुनिया का हृदयहार बन गया है।

दूरदर्शन से लाभ और हानि हिंदी निबंध Television Boon or Bane Essay in Hindi

दूरदर्शन से लाभ और हानि हिंदी निबंध Television Boon or Bane Essay in Hindi

दूरदर्शन का जादू

दूरदर्शन जादू का पिटारा है। बच्चों को दूरदर्शन के दैनिक कार्यक्रम बराबर याद रहते हैं। बूढ़े लोग भी टी. वी. के कार्यक्रमों का आनंद लेकर अपने नीरस जीवन को सरस बना लेते हैं। गृहिणियाँ टी. वी. का आनंद लेने के लिए अपने सारे काम पहले ही पूरे कर लेती हैं। जिनके घर टी. वी. नहीं होता, वे पड़ोसी के टी. वी. से दिल बहलाते हैं।

समाचार-दर्शन और मनोरंजन का अनोखा माध्यम

दूरदर्शन पर देश-विदेश के कोने-कोने की खबरें मूल दृश्यों के साथ प्रस्तुत की जाती हैं। बाढ़, अकाल, भूकंप जैसी आपत्तियों के समय दूरदर्शन के सचित्र और जीवंत प्रसारण पीड़ितों के प्रति लोगों के दिलों में सहानुभूति जगा देते हैं । मनोरंजन एवं ज्ञानवर्धन के क्षेत्र में दूरदर्शन ने अपूर्व लोकप्रियता प्राप्त की है। इसके द्वारा फिल्म, नाटक, नृत्य, सांस्कृतिक कार्यक्रम, कवि सम्मेलन आदि का आनंद हम घर बैठे ही ले सकते हैं। दूरदर्शन पर क्रिकेट, हॉकी, फुटबॉल या टैनिस का मैच देखने में निराला ही आनंद मिलता है । दूरदर्शन कार्यक्रमों की कुछ शृंखलाएँ लोगों के दिलों में बस जाती हैं। प्रायोजित कार्यक्रम भी लोगों का अच्छा मनोरंजन करते हैं । व्यापारिक विज्ञापनों के प्रसारण की आकर्षण शैलियाँ और संगीतमय धुनें देखते-सुनते ही बनती हैं।

शिक्षा-प्रसार तथा लोक-जागृति का साधन

दूरदर्शन शिक्षा के प्रसार और लोक-जागरण का क्रांतिकारी माध्यम है। दूरदर्शन के कार्यक्रमों की प्रेरणा से आज धार्मिक, सामाजिक, सांप्रदायिक, संकीर्णताओं की दीवारें ढह रही हैं। दूरदर्शन के माध्यम से राष्ट्रीय एकता, सद्भाव और सहयोग की जड़े मजबूत हो रही हैं। दूरदर्शन पर प्रस्तुत होनेवाले शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम ज्ञान-विज्ञान के विकास में मूल्यवान योगदान कर रहे हैं। विज्ञान का यह करिश्मा आज मानवजाति को एकता और विश्वबंधुत्व का संदेश देकर मानवता की अनुपम सेवा कर रहा है।

दुरुपयोग

इतना उपयोगी होने पर भी दूरदर्शन अपने कुछ दुष्प्रभाव भी डाल रहा है। विद्यार्थी अपनी पढ़ाई से अधिक दूरदर्शन में दिलचस्पी लेते हैं, जिससे उनकी शैक्षणिक प्रगति पर बुरा असर पड़ता है। टी. वी. पर मैचों के प्रसारण होते हैं उन दिनों में दफ्तरों में काम की उपेक्षा होती है । नित्य टी.वी. देखने से बालकों की आँखों पर बुरा असर पड़ रहा है। विविध चैनलों पर प्रसारित होनेवाले कुछ कार्यक्रम हिंसा, फैशनपरस्ती आदि को बढ़ावा देते हैं।

विज्ञान का अनोखा उपहार

इसके बावजूद भी दूरदर्शन की उपयोगिता कम नहीं है। यह घर-घर का आभूषण और जीवन का एक अभिन्न अंग बनता जा रहा है।

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