यदि चाँद न होता हिंदी निबंध If there was no Moon Essay in Hindi

If there was no Moon Essay in Hindi: चाँद आकाश के आँगन की शोभा है । यह निशा रानी के माथे की चमकती बिदिया है। पूनम की रात का वही राजा है। कवियों की कल्पना उसको सुंदरता को चित्रित करने के लिए बेचैन हो उठती हैं। चाँद पर पहुँचकर मनुष्य आज अपनी बुद्धि और साहस पर फूला नहीं समाता।

यदि चाँद न होता हिंदी निबंध If there was no Moon Essay in Hindi

यदि चाँद न होता हिंदी निबंध If there was no Moon Essay in Hindi

चाँदनी के सुख का अभाव

ऐसा चाँद न होता तो क्या होता? क्या बिना चाँद के रात खूबसूरत बन सकती थी? क्या बिना चाँद के आकाश अपनी सुंदरता पर इठला सकता था? क्या बिना चाँद के धरती कभी चाँदनी का सुखलूट सकती थी?

चाँद और साहित्य

सचमुच, यदि चाँद न होता तो साहित्य और सुंदरता की दुनिया सूनी हो जाती । कवियों की कल्पना और भावनाओं को चाँद ही जगाता है। उसी से प्रेरणा पाकर दुनिया में न जाने कितना साहित्य लिखा गया है और आगे भी न जाने कितना लिखा जायेगा। चाँद है, इसीलिए ‘चंद्रवदनी’ और ‘चंद्रमुखी’ नायिका की कल्पना की जा सकती है। चाँद को देखकर ही हम किसी को ‘चौदहवीं का चाँद’ कहते है। किसी के चरित्र या रूप में कोई बुराई देखकर हमें चाँद का कलंक याद आ जाता है। कहीं यात्रा करनी होती है तो भी पहले यह देखा जाता है कि चंद्रमा किस दशा में है। कन्या की जन्मपत्री में कन्या का चंद्रबल कमोजर हुआ तो उसे अशुभ माना जाता है। चंद्रमा की गति पर ही हिंदू और मुस्लिम पंचांग बनते हैं। यदि चाँद न होता तो वे सारी बातें कैसे हो पाती?

चाँद और सागर

सागर के ज्वारभाटे की प्रेरणा भी तो चाँद ही है ! यदि ऐसा न होता तो बेचारा सागर कैसा सूना पड़ जाता ! चाँद के न रहने पर चकोर की क्या हालत होती, जो रातभर अपने प्रिय के लिए तडपता रहता है? चाँद के बिना न तो काला कृष्णपक्ष होता और न उजला शुक्लपक्ष ही । एक-सी रातें कैसी बेजान जान पड़ती? चाँद के अभाव में चंद्रग्रहण भी तो नं होता और भूगोल की पुस्तक में ग्रहणसंबंधी दिलचस्प प्रकरण भी न लिखा जाता।

चाँद और वैज्ञानिक

संसार के वैज्ञानिकों के लिए चाँद बड़ा उपकारक है। यदि चाँद न होता तो अमेरिकी और रूसी वैज्ञानिकों को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का ऐसा सुनहरा मौका कभी न मिल सकता। यह बात और है कि चाँद न होता तो चंद्रयात्रा के पीछे अरबों रुपये इस तरह खर्च न किए जाते । शायद उन रुपयों का विशेष लाभदायक उपयोग हो सकता।

उपसंहार

आज मनुष्य ने चाँद की धरती भी देख ली है। कहते हैं कि वास्तव में चाँद उतना सुंदर नहीं है जितना कवियों ने उसका वर्णन किया है। विज्ञान कुछ भी कहें, किंतु चाँद तो चाँद ही रहेगा। वहाँ राजा के समान रात में सितारों का दरबार भरेगा और धरती उसकी शीतल चाँदनी में नहाती रहेगी।

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