यदि मै सैनिक होता हिंदी निबंध Essay on If I were the Soldier in Hindi

Essay on If I were the Soldier in Hindi: सन १९७१ में भारत पाकिस्तान के युद्ध में शहीद हुए कुछ सैनिकों के मार्मिक संस्मरण मैंने एक पुस्तक में पढ़े। उन वीर शहीदों के साहस और देशप्रेम का अनुभव करते हुए मैंने सोचा- काश ! मैं भी भारतीय सेना का जवान होता!

यदि मै सैनिक होता हिंदी निबंध Essay on If I were the Soldier in Hindi

यदि मै सैनिक होता हिंदी निबंध Essay on If I were the Soldier in Hindi

सैनिक होना एक सौभाग्य

स्वतंत्र भारत की सेना अपने साहस और शौर्य के लिए विख्यात रही है। राष्ट्र की एकता, स्वतंत्रता और उसके गौरव की रक्षा के लिए वह हमेशा तैयार रहती है। हमारे सैनिक न केवल सीमांत के प्रहरी हैं, बल्कि वे देश में आंतरिक शांति और सुव्यवस्था के भी सजग पहरेदार हैं। ऐसी सेना का जवान बनना कितने सौभाग्य की बात है!

देशभक्त वीरों के पथ का पथिक

यदि मैं ऐसी महान भारतीय सेना का जवान होता तो भारतमाता ही मेरी आराध्य भवानी होती। छत्रपति शिवाजी, महाराणा प्रताप, गुरु गोविंदसिंह, रानी लक्ष्मीबाई, सुभाषचंद्र बोस जैसी भारतीय वीरात्माएँ ही मेरे जीवन का आदर्श होती। मेरे रक्त की हर बूँद राष्ट्र-देवता के चरणों में अर्पण होती। देश की आन, बान और शान की रक्षा के लिए मैं कोई भी कुर्बानी देने के लिए तत्पर रहता।

जबान के रूप में कर्तव्यपरायणता

भारतीय सेना के जवान के रूप में मैं सदा अपने कर्तव्य का डटकर पालन करता । यदि मुझे सीमा पर तैनात किया जाता तो मेरी निगाहें सदा उसको सुरक्षा में लगी रहती । क्या मजाल कि मेरे वहाँ होते हुए कोई शत्रु हमारी सीमा का अतिक्रमण करने का दुःसाहस करे। शत्रु हमारी सीमा पार करने के पहले ही अपने जीवन की सीमा पार कर जाता । मेरी तैनाती में तस्कर सीमा के इधर-उधर न हो पाते। हेरोईन, चरस, गाँजा आदि नशीले पदार्थों के व्यापारी मुझसे बचकर न निकल पाते। शत्रुदेशों के गुप्तचर पकड़ लिए जाते या ढेर कर दिए जाते। देश के आतंकवादी सीमा-पार के शत्रुओं से हाथ न मिला पाते । बाढ़ अकाल जैसे प्राकृतिक संकटों में मैं पीड़ित क्षेत्र में पहुंचकर लोगों को राहत पहुँचाने में दिन-रात एक कर देता।

एक आदर्श सैनिक तथा युवकों को प्रेरणा

मेरा आचरण भारतीय सैनिक को गौरव देनेवाला होता । भय का तो मुझमें नामोनिशान तक न होता। सैनिक अनुशासन मेरी रग-रग में समाया रहता। मैं अपने उच्च अधिकारियों को पूरा सम्मान देता। मैं उनके आदेशों का पूरी तरह पालन करता, पर उन्हें अपना उचित सुझाव देने में कभी संकोच नहीं करता । छुट्टियों में मैं अपने गाँव जाता तो वहाँ के युवकों को भी राष्ट्र के संरक्षण कार्य में हाथ बँटाने की प्रेरणा देता। मैं नवयुवकों को सेना में भर्ती होने के लिए प्रोत्साहित करता।

जीवन की सार्थकता का अवसर

सचमुच, भारतीय सेना का जवान बनकर मैं राष्ट्र के गौरव और उसकी स्वाधीनता का प्रहरी बनता। देश के लिए जीने और मरने में ही अपने जीवन की सार्थकता समझता। काश! मैं अपनी इस अभिलाषा को पूर्ण कर पाऊँ!

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