मैं क्या बनूँगा हिंदी निबंध If I were Doctor Essay in Hindi

If I were Doctor Essay in Hindi: भविष्य में मैं क्या बनूँगा, इसका विचार मैंने अभी से कर लिया है। जी हाँ, अपना व्यवसाय मेरी महत्त्वाकांक्षा डॉक्टरी शिक्षा प्राप्त करके एक कुशल डॉक्टर बनने की है। डॉक्टर समाज का सबसे बड़ा सेवक होता है । वह बीमार लोगों को नई जिंदगी देता है। डॉक्टरी सेवा के इस चमत्कार ने ही मेरा मन मोह लिया है। मैं चाहता हूँ कि मैं भी डॉक्टर बनकर अपने समाज और देश की सेवा करूँ।

मैं क्या बनूँगा पर हिंदी में निबंध If I were Doctor Essay in Hindi

मैं क्या बनूँगा पर हिंदी में निबंध If I were Doctor Essay in Hindi

पसंदगी का कारण

आज हमारे देश में हैजा, मलेरिया, चेचक जैसे रोग तो कम हो गए हैं, लेकिन दूसरी अनेक बीमारियों ने सिर उठा लिया है। खाँसी, सर्दी, बुखार, सिरदर्द आदि रोगों के कारण असंख्य लोग परेशान रहते हैं। टी. बी. या टाइफॉइड, डायाबिटीस और कैंसर जैसे भयंकर रोग भी इस देश में बहुतायत से पाए जाते हैं। देश का गरीब वर्ग इन बीमारियों से परेशान हो रहा है। मैं चाहता हूँ कि मैं डॉक्टर बनकर इन रोगियों का इलाज करूँ, उन्हें रोगमुक्त करूँ और इस तरह मुझे जनसेवा का सुनहरा अवसर मिले।

मैं डॉक्टर बनकर क्या करूँगा?

आज हमारे गाँवों को डॉक्टरों की बहुत आवश्यकता है। इसलिए मैं अपने गाँव में ही अपना दवाखाना खोलूँगा। आज के नए डॉक्टर शहरों में ही रहना पसंद करते हैं, लेकिन मैं तो गरीबों की सेवा करना चाहता हूँ। अत: गाँव का डॉक्टर बनने में मुझे जरा भी हिचकिचाहट न होगी। अपने कुशल इलाज से मैं अपने गाँव के लोगों के दुख का भार हल्का करूँगा। वे मेरे पास रोते-कराहते आएँगे और हँसते-मुस्कराते जाएँगे। उनकी उस खुशी में ही मुझे अपनी खुशी मिल जाएगी।

अन्य कार्य

डॉक्टर बनकर मैं केवल अपने दवाखाने में ही बैठा नहीं रहूँगा। मैं गाँव के लोगों में घुलमिलकर उनमें वैज्ञानिक समझदारी उत्पन्न करूँगा। मैं उन्हें सफाई का महत्त्व समझाऊँगा और आरोग्य की वैज्ञानिक जानकारी कराऊँगा। अशिक्षा और अस्वच्छता के कारण ही तो हमारे स्वर्ग जैसे गाँव अनेक बीमारियों के कारण नरक-से बने हुए हैं। मैं लोगों को इस नरक से बाहर निकालूँगा।

आदर्श

आर्थिक दृष्टि से भी डॉक्टर बनना बुरा नहीं है। इस व्यवसाय में न घाटे का डर है, न तेजी-मंदी की संभावना । लेकिन केवल पैसे कमाना ही मेरा उद्देश्य नहीं होगा। मेरे लिए डॉक्टर बनना दीनबंधु बनने का मार्ग है। मैं यह कभी नहीं भुलूँगा कि डॉक्टरी एक ऐसा व्यवसाय जिसमें धनलाभ के साथ-साथ जनसेवा का आनंद भी मिलता है ! इसलिए एक आदर्श डॉक्टर की तरह मैं ग्रामीणों को स्वास्थ्य-लाभ कराना अपना पहला कर्तव्य मानूँगा।

उपसंहार

सचमुच, डॉक्टर बनना मेरे लिए बड़े गौरव और आनंद की बात होगी। क्या जनसेवा के द्वारा प्रभुसेवा करने की मेरी यह आकांक्षा पूर्ण हो सकेगी?


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