आदर्श विद्यार्थी हिंदी निबंध Ideal Student Essay in Hindi

Ideal Student Essay in Hindi: हमारे विद्यालय में लगभग एक हजार विदयाथा पढ़ते हैं। सबकी अपनी अपनी विशेषताएँ है, अपना अपना व्यक्तित्व है। पर इन सबमें अनिल सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थी है। वह एस, एस. सी. वर्ग में पढ़ता है। उसका शरीर बड़ा संगठित है। उसके रोमरोम में स्फूति और उमंग भरे हुए है। मधुर हसी हमेशा उसके होठो पर खेलती रहती है। उसकी आँखों में कोई निराली चमक दिखाई देती है। उसके काले घने पंगरालू बाल देखकर किसी कलाकार का स्मरण हो आता है। यह हमेशा सादी और साफ पोशाक पहनता है।

आदर्श विद्यार्थी हिंदी निबंध Ideal Student Essay in Hindi

आदर्श विद्यार्थी हिंदी निबंध Ideal Student Essay in Hindi

अध्ययनशीलता आदि

अनिल अध्ययनशील विद्यार्थी है। वह सदा कक्षा में ध्यान देकर पढ़ता है। बिना किसी संकोच के अध्यापकों से प्रश्न पूल पूछकर वह अपनी शंकाओं का समाधान करता रहता है। पढ़े, हुए विषयों को वह स्वाध्याय से परिपुष्ट करता है । पाठ्यपुस्तकों के अलावा अन्य पुस्तकें पढ़कर वह अपने ज्ञान में वृद्धि करता रहता है। परीक्षाओं में उसका स्थान हमेशा प्रथम रहता है।

विशाल काम

अनिल पाठ्यपुस्तकों का कीड़ा नहीं है। पाठ्येतर विषयों में भी उसकी बड़ी दिलचस्पी है। कहानी, उपन्यास, कविता आदि की कोई अच्छी पुस्तक प्रकाशित होते ही वह उसके हार्थों में दिखाई देती है। वह एक कुशल वक्ता भी है। अनेक वादविवाद प्रतियोगिताओं में उसने पुरस्कार जीते हैं। हिंदी, संस्कृत, चित्रकला आदि की पाठ्येतर परीक्षाएँ उसने सदा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की है। पाठशाला में स्नेह-संमेलन या मनोरंजन कार्यक्रम के समय सबसे पहला नाम उसी का लिया जाता है। वह एक अच्छा गायक भी है। इसके अतिरिक्त खेल-कूद के प्रति भी उसे बड़ा चाव है। विद्यालय के क्रिकेट-दल का तो वह नायक है ही।

कुछ विशेष गुण

अनिल का चरित्र और व्यवहार ऊँचे दर्जे का है। वह बड़े आदर से गुरुजनों की आज्ञा का पालन करता है। वह विनम्रता को तो साक्षात् मूर्ति ही है। वह अपने सभी कार्य अपने हाथों और निर्धारित समय पर करता है। उसका स्वभाव बड़ा मिलनसार है । अहंकार तो उसे छू तक नहीं गया। कभी किसी ने उसे क्रुद्ध होते नहीं देखा। टीम-टाम और तड़क-भड़क उसे पसंद नहीं है। आज के फैशनों का वह गुलाम नहीं है।

समाजसेवा

अनिल हमारे विद्यालय का एक श्रेष्ठ बालचर है। भूले-भटकों को रास्ता बताना या अंधे-लंगड़े को सहारा देना उसके दैनिक जीवन का जैसे अंग बन गया है। पढ़ाई में कमजोर विद्यार्थी की वह बहुत मदद करता है । अपने फुरसत के समय में वह छोटे-मोटे ट्यूशन करके अपना जेब-खर्च स्वयं निकाल लेता है।

उपसंहार

सचमुच, अनिल हमारे विद्यालय का गौरव है। प्रत्येक विद्यार्थी उसके साथ मित्रता करने के लिए तत्पर रहता है। वह हमारे विद्यालय का उज्ज्वल आभूषण है। उसके साथ कुछ समय विताना सुखद और बोधक अनुभव है।

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